ललिनि पिता महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया की मैं बचपन से ही पढ़ाई एवं शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही ज्यादा अच्छी थी , मैं जब पांचवी से आठवीं कक्षा में थी तब मुझे रेडियो पर गाने सुनने का बहुत शौक था और उन गानों को मैं रिकॉर्ड कर कर के बार-बार सुनती थी और रोज वही कार्यक्रम को आने का इंतजार करती थी ऐसे में मुझे जब हाई स्कूल जाने का मौका मिला तभी मैंने सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम पर गीत गाए हैं ऐसे ही मुझे इन चीजों में और दिलचस्पी बढ़ती गई तो मुझे मेरे सहपाठियों तथा शिक्षकों द्वारा बताया गया कि मैं बहुत अच्छा गाती हूं और उसके बाद मैंने इसे और भी अच्छे से सुनना और सीखना प्रारंभ कर दिया तथा जब मैं अपना कॉलेज कर रही थी उसी समय मुझे मेरे विद्यालय का एक मित्र शिवम मिला और उसने मुझे गाना गाते हुए बहुत बार सुना था और वह मेरी तारीफ भी करता था तो उसने मुझे कहा कि मैं तुम्हारे गाने का कंपनियों तथा अन्य संगीत संस्थानों तक पहुंचा सकता हूं पहले मुझे विश्वास नहीं हुआ लेकिन बाद में सभी चीजें सही हुई और मुझे यहां तक गाना गाने का अवसर प्राप्त हुआ
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